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तलाक की वजह लेखनी प्रतियोगिता -12-Sep-2023


           शीर्षक:- तलाक की वजह


            अल्का व नवीन दोंनौ ने एक ही बैच में डाक्टरी की पढा़ई  की थी।  इसी दरिम्यान  दोंनौ एक दूसरे को प्यार  कर ने लगे ।

         दौंनौ के परिवार की सहमति से वह   शादी के पवित्र  बंधन  में भी बंध गये। लेकिन  चार वर्ष  बाद ही न जाने ऐसा क्या हुआ  कि अल्का ने तलाक  की अर्जी लगादी। जिन्होंने कुछ  समय पहले बहुत ही  खुशी के साथ शादी की थी । आज ऐसा क्या हुआ  कि वह एक दूसरे से बात  करने के लिए  भी तैयार  नहीं थे।

           यह केस फैमिली कोर्ट में चला। दो महीने के बाद ही फैसले का दिन आ गया। लेकिन  जज समझदार  थे। इसलिए फैमिली कोर्ट में फैसले से एक दिन पूर्व जज ने, एक और अंतिम मौक़ा देते हुए दोनों से अलग-अगल  अकेले में सवाल जवाब किये। जज साहब ने डॉ नवीन को तो इस बात के लिए तैयार कर लिया कि वह पत्नी के साथ रहने को तैयार है,किन्तु डॉ0 अल्का को तैयार नहीं कर पाये। आखिर तलाक हो गया।

           एक दिन  वही जज साहब अल्का के अस्पताल  में किसी मरीज से मिलने गये। जज साहब  डॉ अल्का को देखकर  पहचान  गये और उनको  अल्का व नवीन का केस याद आगया। डॉ अल्का भी जज साहब  को पहचान  गई।

              डाॅ अल्का ने औपचारिकतावश  जज साहब  को अपने चेम्बर में उन्हें चाय पिलाने के लिए आमंत्रित कर लिया। चाय पीते हुए जज साहब  अल्का से बोले ," डा0 साहिबा, अब यहाँ मैं न जज हूँ, और न आप वादी, आपका तलाक़ हो चुका है, लेकिन मैं आपकी खामोशी का राज़ नहीं समझ पाया। आप द्वारा तलाक़ का मूल कारण वह नहीं था, जो साक्ष्यों और घटनाओं से सिद्ध हुआ है। वह तलाक़ की वज़ह कतई नहीं थे। आपको कोई एतराज न हो, तो मैं अब वास्तविकता जानना चाहता हूँ।'

         "मुझे इससे भी कोई फ़र्क नहीं पड़ता जज साहब, कल उसके साथ कुछ भी घटे, उसे सज़ा हो, मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता। मैं बस उस वहशी से मुक्त होना चाहती थी। मैं नहीं चाहती थी कि मेरे तलाक़ के कारण उसका जीवन, उसका पेशा ख़तरे में पड़ जाये। मैं घाव को नासूर नहीं बनने देना चाहती थी। " डॉ0 अल्का ने  जबाब देते हुए  कहा।

         "फिर तो अवश्य ही कोई गम्भीर मामला रहा होगा?", जज साहब ने उत्सुकतावश  पूछा।
         " सर हम दोनों ही डाक्टर हैं,  उस समय मैं  गर्भवती हुई,  मैं नहीं चाहती थी, कि मेरा गर्भ नौ महीने में, मेरे तनाव के कारण अपाहिज या कोई अनोखी बीमारी लेकर पैदा हो। मैं यह समय बहुत ही  शांति और खुशी खुशी बिताना चाहती थी।  मुझे  उनकी हर बात स्वीकार थी। किन्तु हद तो तब हो गयी जब  ! "  अल्का  रुक गई, उसका गला भर्राने लग गया था। संयत हो कर वह फिर बोली- 'वे लड़का चाहते थे और उसके लिए भ्रूण परीक्षण पर जिद कर रहे थे, जिसे करवाना हमारे लिए बहुत आसान था,लेकिन यह मेरा अपमान था और भ्रूण परीक्षण एक सामाजिक अपराध भी है।'

       "ओह! " जज साहब के मुँह से निकला।

         "हाँ, इसीलिए मैंने तलाक़ का यह कारण नहीं लिखा था,ऐसा करने से  मुझे तो और  आसानी से तलाक़ मिल जाता, किन्तु उन्हें सज़ा हो जाती, उनका भविष्य अंधकारमय हो जाता। अपने पेशे से वे बहुत मेहनती और ईमानदार हैं,इसलिए मैंने मूल कारण को अलग रखा। सज़ा उन्हें दिलवानी थी, उनके पेशे को नहीं। इसके अलावा भी डॉक्टर होने के साथ साथ पारिवारिक सामंजस्यथता के अभाव से भी मैं, उनसे ही नहीं परिवार से भी बहुत प्रताड़ित हो रही थी, इसलिए इस कारण को गौण रखते हुए,मैंने तलाक़ का अन्य कारण लिखा था। यह हथियार तो मेरे पास ब्रह्मास्त्र की तरह कभी भी इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षित था।' डॉक्टर ने कहा।

        मैं तुम्हारी सहनशीलता को नमन करता हूँ। इतना होने पर भी तुमने उस आदमी को बचा लिया। लेकिन  आपने एक भूल की है , ऐसे आदमी को सजा दिलवाना आवश्यक  था क्यीकि यह भविष्य में किसी दूसरी स्त्री के लिए अभिशाप बन सकता है?" जज साहब बोले।

                "जज साहब हम सामाजिक प्राणी हैं, ईश्वर पर आस्था रखते हैं, भविष्य के सुंदर स्वप्न देखते अवश्य हैं, किन्तु जीते वर्तमान में हैं "कर्म प्रधान विश्व करि राखा। जो जस करय तस फल चाखा।" के इस संदर्भ को ध्यान में रखते हुए भविष्य के अच्छे बुरे कर्मों का हिसाब किताब ईश्वर पर छोड़ देते हैं। मुझे तो बस गर्भ में पल रही इस विलक्षण प्रतिभा के भविष्य के ताने-बाने बुनने थे, किंतु वर्तमान तनाव रहित और खुशनुमा जीना  चाहती थी।  आज मैं एक बेटी की माँ हूँ। मुझे अपने फैसले पर गर्व  महसूस  होता है।"    
 
       उसी समय कोई  इमर्जेंसी आगई।  डॉ अल्का जज साहब  से क्षमा माँगते हुए वह इमर्जेंसी  की ओर चली गई।
    जज साहब अल्का के चेम्बर से बाहर निकलते हुए  अल्का की महानता के विषय  में सोचते जारहे  थे।

आज की दैनिक  प्रतियोगिता हेतु रचना।
नरेश  शर्मा " पचौरी "

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8 Comments

kashish

24-Sep-2023 12:10 PM

Mindblowing post

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madhura

24-Sep-2023 12:00 PM

Very nice

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Anjali korde

17-Sep-2023 10:46 AM

Nice

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